Table of Contents

अध्याय-एक View »

अर्जुन विषाद योग : युद्ध के परिणाम पर शोक प्रकट करना

अध्याय दो View »

सांख्य योग : विश्लेषणात्मक ज्ञान का योग

अध्याय तीन View »

कर्मयोग : कर्म का विज्ञान

अध्याय चार View »

ज्ञान कर्म संन्यास योग : ज्ञान का योग और कर्म करने का विज्ञान

अध्याय पाँच View »

कर्म संन्यास योग : वैराग्य का योग

अध्याय छह View »

ध्यानयोग : ध्यान का योग

अध्याय सात View »

ज्ञान विज्ञान योग : दिव्य ज्ञान की अनुभूति द्वारा प्राप्त योग

अध्याय आठ View »

अक्षर ब्रह्म योग : अविनाशी भगवान का योग

अध्याय नौ View »

राज विद्या योग : राज विद्या द्वारा योग

अध्याय दस View »

विभूति योग : भगवान के अनन्त वैभवों की स्तुति द्वारा प्राप्त योग

अध्याय ग्यारह View »

विश्वरूप दर्शन योग : भगवान के विराट रूप के दर्शन का योग

अध्याय बारह View »

भक्तियोग : भक्ति का विज्ञान

अध्याय तेरह View »

क्षेत्र क्षेत्रज्ञ विभाग योग : योग द्वारा क्षेत्र और क्षेत्र के ज्ञाता के विभेद को जानना

अध्याय चौदह View »

गुण त्रय विभाग योग : प्राकृतिक शक्ति के तीन गुणों द्वारा योग का ज्ञान

अध्याय-पन्द्रह View »

पुरुषोत्तम योग : सर्वोच्च दिव्य स्वरूप योग

अध्याय सोलह View »

देवासुर संपद विभाग योग : दैवीय और आसुरी प्रकृति में भेद द्वारा योग का ज्ञान

अध्याय सत्रह View »

श्रद्धा त्रय विभाग योग : श्रद्धा के तीन विभागों को समझते हुए योग का अनुसरण करना

अध्याय अठारह View »

मोक्ष संन्यास योग : संन्यास में पूर्णता और शरणागति के माध्यम से योग

Swami Mukundananda
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